Last modified on 1 अप्रैल 2020, at 20:13

प्रेम में लड़की / प्रदीप कुमार

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:13, 1 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रदीप कुमार |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वो
मेरा कहना मानती है
बेहद अनुशासनप्रिय
अपने सभी कामों में रहती है हमेशा अव्वल
वो खुश रहना जानती है
और बाखूबी अपना बनाना भी
उसके किसी भी प्रयास में
कभी स्वार्थ नहीं झलकता
वो अध्यापकों, दोस्तों और मौहल्लें में सबकी चहेती।

अचानक बदल जाते हैं
उसके सुर
हो जाती है घोर विरोधी सबकी
जब कोई उसे
मान-मर्यादा समझाने का प्रयत्न करता है
हाँ
आज वह प्रेम में है
और प्रेम में पड़ी लड़की
सिर्फ प्रेम समझती है॥