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न पूजा तिलक या हवन चाहिये / रंजना वर्मा

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न पूजा तिलक या हवन चाहिए।
कन्हैया को केवल नमन चाहिए॥

दिखावा लुभाता नहीं श्याम को
उसे मात्र सच्ची लगन चाहिए॥

अगर चाहिए श्याम की भक्ति तो
हृदय में बसे वह भजन चाहिए॥

न अपवर्ग की कामना हम करें
सदा प्राण प्यारा वतन चाहिए॥

है करुणा जगी यदि सभी के लिये
भरा प्यार से दिव्य मन चाहिए॥

पसारें नवल पंख उम्मीद के
खुला सामने इक गगन चाहिए॥

उजाला मिले हर किसी को सदा
जले रात दिन वह अगन चाहिए॥