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हिलमिल आओ / मुस्कान / रंजना वर्मा
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हमको देश बढ़ाना आगे
हिलमिल आओ भैया रे॥
मेघ अगर वर्षा न करें तो
बादल का आँचल फाड़ें।
आओ बढ़ कर अपना झंडा
आज हिमालय पर गाड़ें।
फहर फहर लहराये झंडा
लेता गगन बलैया रे।
हिलमिल आओ भैया रे॥
हम वंशज है वीर शिवा के
हम में ही लक्ष्मीबाई।
हमने ही कर रक्त तिलक
यह धर्म ध्वजा है फहराई।
हृताली की पहन चुनरिया
हँसती धरती मैया रे।
हिलमिल आओ भैया रे॥
हमने ही गाँधी सुभाष बन
कर स्वतन्त्र यह देश किया।
हमने ही तो कुरुक्षेत्र में
गीता का संदेश दिया।
हम में ही हैं राम और
हम में ही कुँवर कन्हैया रे।
हिलमिल आओ भैया रे॥