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लोरी - 1 / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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मुन्नू सोया, चुननु सोया,
कुन्नु भी धीरे आ सोया।
तीनों को ही इनकी नानी,
सुना रही थी एक कहानी।
सुनकर तीनों झूम उठे थे,
नानी को ही चूम उठे थे।
तारे उतरे थे धरती पर,
लगे खेलने खेल मनोहर।
पारियाँ आयी, चमचम लायी,
टॉफी, रसगुल्ले भी लायी।
तीनों को थी मिली मिठाई,
बड़े स्वाद से सबने खायी।