भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नीम का पेड़ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:14, 11 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

खड़ा हुआ मेरे आँगन में,
पेड़ बड़ा है नीम का।

पेड़ घना है नीम का,
पेड़ हरा है नीम का।

आओ इसके नीचे खेलें,
कई तरह के प्यारे खेल।

कभी बने हम मोटर गाड़ी,
कभी बने हम भी एक रेल।

झूमा करता खूब हवा में,
पेड़ा बड़ा यह नीम का।

पेड़ घना है नीम का,
पेड़ हरा है नीम का।