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कोयल - 2 / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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क्यों शोर मचाती है कोयल
क्यों कूक सुनाती है कोयल
हम खेल खेलने जाते जब
क्यों हमें बुलाती है कोयल
तुम पढ़ो-पढ़ो कहती जाती
यह पाठ पढ़ाती है कोयल
ज्यों ही हम पढ़ते लगते हैं
तो अपने पास बुलाती कोयल
जब हम लड़ते हैं आपस में
मेल कराती है कोयल
मीठा बोलो सुर में बोलो
हमें सिखाती रहती कोयल।