Last modified on 12 अप्रैल 2020, at 13:31

ओ री निंदिया आना तू / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:31, 12 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ओ री निंदिया आना तू, दूध बताशे लाना तू
मुनुओं को सुलाना तू, गुनगुन गीत सुनाना तू
मीठी नींद सुलाना तू, ओ री निंदिया आना तू

रात की रानी महक रही, रजनीगंधा फूल रही
बेला भी अब फूलेगा, देख चमेली महक रही
पायल पहन के आना, तू छम-छम करती आना तू
ओरी निंदिया आना तू