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सो जा मेरी मुन्नी प्यारी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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सो जा मेरी मुन्नी प्यारी
सो जा मेरी राजदुलारी
चिड़ियों का कलरव सोया है
सारा कोलाहाल सोया है
तू भी सो जा बिटिया प्यारी
सो जा मेरी राजदुलारी
मूँद अरी चंचल आँखों को
कमल काली-सी इन पांखों को
अब तू स्वप्न-लोक को जा री
सो जा मेरी राजदुलारी
बिछी है कोमल-कोमल शैया
सोया उस पर छोटा भैया
उसके साथ-साथ सो जा री
सो जा मेरी राजदुलारी
सपनों में आयेगा राजा
मधुर-मधुर बाजेगा बाजा।
नाचेगी तब मुन्नी प्यारी
सो जा मेरी राजदुलारी
नभ तारों के दीप जलाता
झिलमिल-सी चादर फैलाता
तू सुख-सपनों में खोजा री
सो जा मेरी राजदुलारी