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जग जाओ हे लालन मेरे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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जग जाओ हे लालन मेरे
देखो सुंदर भोर हुई।
चिड़ियों की चुहचुह भी धीरे
धीरे बद कर शोर हुई
आँगन में गोरैया आई
फुदक-फुदक दाना चुगती
डालों पर बैठे बच्चों की
चोंचों में ले जा रखती
मंजन कर लो मुंह धो दूँ
पीलो दूध पिलाने लाई
झटपट उठ जा झाँक रही लो
बिल्ली दूध गिराने आई।