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सूरज आए किरण पसारे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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अपने सुंदर रथ में बैठे
सूरज आये किरण पसारे
सुबह हुई सब जग गये हैं
अब तो जागो मेरे प्यारे

जागा है बेटा किसान का
जल्दी जल्दी चला खेत पर
उसे देख कर झूम रहे हैं
चना मटर के पौधे सुंदर

चले सभी मजदूर काम पर
दिनभर काम करेंगे जा कर
पायेंगे जो पैसे उनसे
पेट भरेंगे घर में आकर

चित्रकार भी कूँची लेकर
चला प्रकृति का चित्र बनाने
मूर्तिकार भी छेनी लेकर
चला नई मूर्ति बनाने

तुमको कलाकार बनना है
तब तो जल्दी जगना होगा
लेकिन मेरी सुन लो पहले
चित्त लगा कर पढ़ना होगा