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अग्नि-परीक्षा / गीता त्रिपाठी

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आगोभन्दा अगाडि उभिएको मान्छे
आफै दन्किरहेछ दनदन
 
उसका दुई हातहरू
लप्का हुन् बडबानलको
 
आगोसँग खेलेर आगो भएको मान्छे
तिम्रो अग्नि-परीक्षामा
पानीको स्थान कहाँनिर छ ?