भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ताड़का वध / राघव शुक्ल
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:46, 24 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राघव शुक्ल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatGee...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
किया प्रयोग आज रघुवर ने बस तरकश के एक बाण का
मार गिराई वहीं ताड़का
यज्ञ अग्नि की रक्षा के हित
शांतिपूर्वक भजन यजन को
गुरुवर विश्वामित्र साथ में
ले आए हैं राम लखन को
समय दानवों के वध का है,साधुजनों के परित्राण का
आए हैं मारीच सुबाहू
यज्ञ ध्वंस की ही आशा में
प्रतिउत्तर देकर बतलाया
खल को शर की ही भाषा में
परिचय प्रस्तुत किया राम ने शूर वीरता के प्रमाण का