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आऊ प्रिय एकछिन / गीता त्रिपाठी
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आऊ प्रिय एकछिन समयलाई रोक्न
भागौँ आज केहीपल कुनै दुनियाँमा
दुई दिल लिएर कतै एकान्तमा
यो रूखो आभासलाई अलिकति भुल्न
भागौँ आज प्रिय समयलाई छल्न
म आउँछु,तिमी आऊ कुनै ठाउँ तोकौँ
मभित्र, तिमीभित्रका पीरव्यथा पोखौँ
यो मनको उदासी अलिकति भुल्न
भागौँ आज प्रिय समयलाई छल्न