भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जहाँ चुक जाते हैं शब्द / राजेन्द्र राजन

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:09, 5 मई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र राजन |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

शब्दों में शब्द जोड़ते
मैं वहाँ आ पहुँचा हूँ
जहाँ और शब्द नहीं मिलते

मैं क्या करूँ
अब मैं कैसे लिखूँ
समय के पृष्ठ पर
अपनी सबसे ज़रूरी कविता

शब्दों में शब्द जोड़ते
जहाँ चुक जाते हैं शब्द
मैं क्या करूँ ?
क्या मैं वहीं ख़ुद को जोड़ दूँ ?

मगर
क्या अपने शब्दों जैसा मैं हूँ ?