Last modified on 5 मई 2020, at 21:38

यह कौन-सी अयोध्या है ? / राजेन्द्र राजन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:38, 5 मई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र राजन |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अयोध्या का यही अर्थ हम जानते थे
जहाँ न हो युद्ध
हो शान्ति का राज्य

अयोध्या की यही नीति हम जानते थे
जहाँ सबल और निर्बल
बिना भय के
पानी पीते हों एक ही घाट

अयोध्या की यही रीति हम जानते थे
जहाँ प्राण देकर भी
सदा निभाया जाए
दिया गया वचन

यह था अयोध्या का चरित्र
गद्दी का त्याग और वनवास
गद्दी के लिए ख़ूनी खेल नहीं

अयोध्या का मतलब
गृहयुद्ध का उन्माद नहीं
घृणा के नारे नहीं
अयोध्या का मतलब कोई इमारत नहीं
दीवारों पर लिखी इबारत नहीं
अयोध्या का मतलब छल नहीं, विश्वासघात नहीं
भय नहीं रक्तपात नहीं

अयोध्या का मतलब
हमारी सबसे मूल्यवान विरासत
अयोध्या का मतलब
मनुष्य की सबसे गहरी इबादत
अयोध्या का मतलब
हमारे आदर्श , हमारे सपने
हमारे पावन मूल्य
हमारे हृदय का आलोक
अयोध्या का मतलब न्याय और मर्यादा और विवेक
अयोध्या का मतलब कोई चौहद्दी नहीं
अयोध्या का मतलब सबसे ऊँचा लक्ष्य
जहाँ दैहिक, दैविक, भौतिक सन्ताप नहीं

यह कौन-सी अयोध्या है
जहाँ बची नहीं कोई मर्यादा
यह कौन-सी अयोध्या है
जहाँ टूट रहा है देश

यह कौन-सी अयोध्या है
जहाँ से फैल रहा है सब ओर
अमंगल का क्लेश

यह कौन-सी अयोध्या है
जहाँ सब पूछते नहीं
एक-दूसरे का हाल-चाल
पूछते हैं केवल अयोध्या का भविष्य ।

(फरवरी १९९३)