नई भोर की
नई किरन का
स्वागत कर लो ।
आँखों में तुम
आशाओं का
सागर भर लो
भूलो बिसरी बातें
दर्द-भरी
अँधियारी रातें ।
शुभकामना
की देहरी पर
सूरज धर लो ।
वैर-भाव मिट जाए
मन से , तन से
इस जीवन से ।
जगे प्रेम नित,
दुख सारी
दुनिया का हर लो।