भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मैं चाहता हूँ / वोल्फ़ वोन्द्राचेक / उज्ज्वल भट्टाचार्य
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:22, 24 मई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वोल्फ़ वोन्द्राचेक |अनुवादक=उज्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मैं चाहता हूँ,
कि तुम चली जाओ
और मुझसे प्यार करती रहो,
पीछे मुड़े बिना
मुझे देखने के लिए ।
कुछ भी याद मत रखना
प्यार के अलावा ।
मुझे भूल जाना ।
मूल जर्मन से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य