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मेरी मृत्युएँ / हालीना पोस्वियातोव्स्का / अशोक पाण्डे

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कोई कितनी दफ़ा मर सकता है प्रेम के कारण

पहली दफ़ा वह धरती का
कड़ा स्वाद थी
कड़वा फूल
जलता हुआ सुर्ख़ कार्नेशन का फूल

दूसरी दफ़ा बस ख़ालीपन का स्वाद
सफ़ेद स्वाद
ठण्डकभरी हवा
खड़खड़ाते जाते पहियों की
अनुगूँज

तीसरी दफ़ा, चौथी दफ़ा, पाँचवीं दफ़ा

मेरी मृत्युएँ कम अतिशयोक्त थीं
अधिक नियमबद्ध
कमरे की चार औंधी दीवारें
और तुम्हारी आकृति मेरे ऊपर

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अशोक पाण्डे