भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ट्रेडमिल / संगीता कुजारा टाक
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:51, 5 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता कुजारा टाक |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
तुम
मेरे सामने खड़े हो
पर
मैं तुम्हें छू नहीं पाती
तुम तक
पहुँच नहीं पाती
जैसे
ट्रेडमिल पर
चलता हुआ आदमी
चलता तो रहता है
पर कहीं
पहुँचता नहीं
पैसों से कई नुकसान है