चुनाव / जलज कुमार अनुपम

Jalaj Mishra (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:28, 15 जून 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बुधन ना जात जानता है
ना पंगत पात जानता है
वह भूखा है
भात जानता है
वह ना पंथ जानता है
नाही वाद जानता है
वह दुख से ग्रसित है
अवसाद जानता है
वह चाहता है
निजामो का चुनाव
पाँच साल के बदले
हर साल हो
जिसमें आधे साल प्रचार
और आधे साल सरकार चले
जब तक प्रचार चलेगा
वह भूखा नही रहेगा
जात-पात ,धर्म -पंथ के नाम पर
उसके जैसे करोड़ो का पेट
असानी से भर जाएगा
चुनाव तक वह खुद को भी
निजाम समझ सकता है ।

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.