Last modified on 16 जून 2020, at 13:11

ख़ामोशी / हूबनाथ पांडेय

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:11, 16 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हूबनाथ पांडेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मरने से ठीक पहले
वह चीखा भर होता
तो शायद बच सकता था
सिर्फ़ बचे रहने के लिए
वह उम्र भर ख़ामोश रहा