भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लाड्डो पूछै बाबा से (बारात आगमन) / खड़ी बोली
Kavita Kosh से
Rameshwarkamboj (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 16:40, 15 सितम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: बारात आगमन का गीत<br> लाड्डो पूछै बाबा से ओ बाबा<br> मैं किस विध देखण ...)
बारात आगमन का गीत
लाड्डो पूछै बाबा से ओ बाबा
मैं किस विध देखण जाऊँ ,रंगीले आ उतरे बागों मैं ।
-हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो
तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं ।
बोल गए बतळा गए बागों मैं
मेरी रंग भरी लाड्डो को नजर लगा गए बागों मैं।
लाड्डो पूछै ताऊ से ओ ताऊ
मैं किस विध देखण जाऊँ ,रंगीले आ उतरे बागों मै।
-हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो …
लाड्डो पूछै पिता से ओ पिता
मैं किस विध देखण जाऊँ ,रंगीले आ उतरे बागों मै।
-हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो
तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं ।
लाड्डो पूछै चाचा से ओ चाचा
मैं किस विध देखण जाऊँ ,रंगीले आ उतरे बागों मै।
-हाथ डालिया फूलों की ऐ लाड्डो
तुम मालाण बन कै , रंगीले आ उतरे बागों मैं ।
>>>>>>>>>