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लोहा / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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सपने में आज रात को
देखा मैंने ज़बर्दस्त तूफ़ान ।

मचान को जकड़ लिया उसने
बकसुओं को उखाड़ फेंका उसने
जो लोहे का था, गिर पड़ा ।

लेकिन जो कुछ लकड़ी का था
झुक गया और रह गया ।

1953

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य