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धुआँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य
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छोटा सा घर
पेड़ों के बीच
झील के किनारे
छत के ऊपर उठता हुआ धुआँ
अगर वह न होता
कितने वीरान लगते
यह घर,
ये पेड़
और झील ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य