Last modified on 16 सितम्बर 2008, at 15:11

बातचीत / शैलेय

212.192.224.251 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 15:11, 16 सितम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैलेय }} मोड़ के इस पार सिर्फ इधर का दृश्य ही दिख...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मोड़ के इस पार

सिर्फ इधर का दृश्य ही दिखाई दे रहा है

उस पार

सिर्फ उसी दिशा की चीजें


ठीक मोड़ पर खड़े होने पर

दृश्य

दोनों तरफ के दिखाई दे रहे हैं

किन्तु सभी कुछ धुंधला


दृश्यों के हिसाब से

जीवन बहुत छोटा

दोनों तरफ की यात्राएं कर पाना कठिन


काश !

किसी मोड़ पर

दोनों तरफ के यात्री

मिल-बैठकर कुछ बातचीत करते।