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तेरी याद दिला जाता है / कमलेश द्विवेदी
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मुझको हर इक रूप सलोना तेरी याद दिला जाता है।
घर-आँगन का कोना-कोना तेरी याद दिला जाता है।
याद पुराने दिन आ जाते
और पुरानी बातें।
जब बस बातों ही बातों में
कट जाती थीं रातें।
अब रातों में सपने बोना तेरी याद दिला जाता है।
मुझको हर इक रूप सलोना तेरी याद दिला जाता है।
जब भी मैं तनहा होता हूँ
तेरी याद सताती।
गुज़रे हुए वक़्त का पूरा
अलबम मुझे दिखाती।
हर फोटो में तेरा होना तेरी याद दिला जाता है।
मुझको हर इक रूप सलोना तेरी याद दिला जाता है।
यह तो सच है बीते दिन फिर
नहीं लौट कर आते।
लेकिन उनकी यादों को ही
हम गीतों में गाते।
इन गीतों में ख़ुद को खोना तेरी याद दिला जाता है।
मुझको हर इक रूप सलोना तेरी याद दिला जाता है।