भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
क्या समाचार है / कैलाश झा 'किंकर'
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:50, 17 जुलाई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कैलाश झा 'किंकर' |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
क्या समाचार है
वक़्त बीमार है।
साथ छूटा तेरा
इसलिए हार है।
ले लो कुर्सी तुम्हीं
ये चमत्कार है।
कौरवों की सदा
सत्य से रार है।
आप मिल जो गये
स्वप्न साकार है।
दोष मढ़िये नहीं
जो निराधार है।