भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पर्यावरण सुरक्षा / कमलेश द्विवेदी

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:12, 25 जुलाई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पर्यावरण सुरक्षा करिये पर्यावरण सुरक्षा।
जन-जन का हित करने वाला काम एक यह सच्चा।

साँस-साँस में हवा हमेशा,
करती मदद हमारी।
अगर हवा ही दूषित होगी,
फैलेगी बीमारी।
हवा न होने दें ज़हरीली होगी जीवन रक्षा।
पर्यावरण सुरक्षा करिये पर्यावरण सुरक्षा।

गंदे पानी से हो जाती,
है जलवायु प्रदूषित।
कहीं न गंदे पानी को हम,
होने दें एकत्रित।
इसमें रुचि ले हर बूढ़ा हर नवजवान हर बच्चा।
पर्यावरण सुरक्षा करिये पर्यावरण सुरक्षा।
आओ मिलकर इस धरती पर,
वृक्ष अनेक लगायें।
हरे-भरे हैं जितने जंगल,
कभी न कटने पायें।
चारों ओर इसी से वातावरण बनेगा अच्छा।
पर्यावरण सुरक्षा करिये पर्यावरण सुरक्षा।