Last modified on 2 अगस्त 2020, at 19:08

धरमपुरा कितना खुश हाल / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:08, 2 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नीले जल से भरा लबालब
कितना प्यारा चंदन ताल
अमराई के संग झूमता
धरमपुरा कितना खुश हाल।

कक्का काकी दद्दा दादी
जैसे प्यारे सम्बोधन
जेठे स्याने सभी पूज्य हैं
छोटों का सब रखते ख्याल।

कोहा नीम आम और जामुन
वर्षा में ठिल-ठिल करते
अपनी ही मस्ती में डूबे
जैसे ठोंक रहे हों ताल।

छोटी-सी मड़िया में बैठे
भींटे पर हरदोल लला
पूज पूज कर दूल्हा देव को
वर और वधु सदा खुश हाल।

लालाजी की बाखर में है
शिव का मंदिर एक बना
जहाँ बिराजे भाँडेश्वर जी
बम बम भोले शंभू त्रिकाल।

सभी वर्ग जाति वालों का
सर्व धर्म संभाव यहाँ
आत्म ज्ञान से पूर्ण यहाँ के
दिप दिप करते ऊंचे भाल।