बदहाल देश की सूरत ऐसी
लगे हैं जैसे क़िस्मत फूटी
अंग्रेजों ने तो लूट लिया
अब लूट रहे हैं नेता पिशाची।
किसी ने चारा खा-खा कर
विश्व कीर्तिमान बनाया
तो किसी ने ताबूत में ही
सारा भारत देश बसाया।
कब तक दागी खूंटी से
सत्ता कि डोरी बंधी रहेगी
कसाई के हाथों कब तक
निरीह प्राणों की बलि चढ़ेगी।
इन्हें बदलने ईसा, विष्णु या पैगंबर
आएंगे नहीं लगता।
अपराध जगत के नंगे सारे
इनसे तो खुदा भी डरता।