Last modified on 3 अगस्त 2020, at 22:33

लड़की / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:33, 3 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त' |अनु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लड़की घर की शान है
वह जग का सम्मान है।
माता-पिता का फैले नाम
करती ऐसा काम है॥

लड़की के बिन घर है सूना
कभी उसे न हम रुलाना।
प्रेम से उसको ऐसे रखना
खुशियाँ बनें उसका गहना।

लड़की से न भेद करें हम
उनका मान सम्मान करें हम।
ध्यान रखें हम उनका हरदम
वही हमारे जीवन का मरहम।