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मरा हुआ आदमी / आत्मा रंजन

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 (एक)

बहुत पहले की बात है
सोया हुआ था एक आदमी
घने अंधेरे में
बिल्कुल जड़, प्रतिरोध रहित

मृत जान उन्होंने
कर डाला उसका अन्तिम संस्कार

नहीं यह
बहुत पुराना अँधेरा नहीं
आज का ही कोई सभ्य दिन है।

(दो)

अलबत्ता
यह बहुत कम होता है

चीखता है जब भी
मरा हुआ आदमी
जीवित से हो जाता है
ज़्यादा ताकतवर
खौ़फ़नाक!