Last modified on 17 अगस्त 2020, at 12:08

नहीं हो सकती वह / सुरेन्द्र डी सोनी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:08, 17 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कभी नहीं हो सकती वह
मात्र एक कलाकृति

नहीं हो सकती वह
एक पैंटिंग
एक मूर्ति
एक म्यूराल
या एक कविता मात्र

भले ही
नाप आए वह
दुनिया के
सारे समन्दरों को

यूरोप और अमेरिका भी
चाहे हो जाएँ
लट्टू
उसके ज्ञान, सौन्दर्य और यौवन पर

पुरस्कारों के ढेर
भले ही
दें उसे आश्वासन
अमरता का

जब तक
उसके पोर-पोर में
रची रहेगी
सोलह आने भारतीयता

जब तक
लिखती रहेंगी
उसकी अँगुलियाँ
कथाएँ
इस मिट्टी की

नहीं हो सकती वह
मात्र एक कलाकृति...
कभी नहीं !