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हाथी की शामत / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

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किया अपहरण हाथीजी ने,
चींटी का बेटा हर लाया।
उसे छोड़ने के बदले में,
रुपए एक करोड़ मंगाया।

धमकी भी दी अगर सूचना,
थाने में देने जाओगी,
अपने प्यारे बेटे को फिर,
कभी नहीं जीवित पाओगी।

गुस्से के मारे जब चींटी,
हाथी पर कसकर चिल्लाई,
अभी सूंड में घुसती तेरी,
लगता तेरी शामत आई।

डर के मारे हाथी दादा,
दौड़ लगाकर जंगल भागे।
पीछे-पीछे चींटी दौड़ी,
हाथी दादा आगे-आगे।

चींटी का बेटा तब आया,
बोला अब बिलकुल मत दौड़ो।
मैं हूँ सही-सलामत अम्मा,
अब हाथी का पीछा छोड़ो।

भरी सभा में पशुओं की हम,
अब यह मुद्दा उठवाएंगे।
किया अपहरण अगर किसी ने,
उसे जेल हम भिजवाएंगे।