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जंग लड़ेंगे हम / जगदीश व्योम
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जंग वायरस ने छेड़ी है
जंग लड़ेंगे हम
और जंग में
विजयी होकर ही
निकलेंगे हम ।
घर में रहकर
वाच करेंगे
इसकी चालों को
आश्रय देंगे
भूखे, प्यासे,
बिन घरवालों को
कर इसको कमज़ोर
प्राण इसके
हर लेंगे हम ।
अजब तरह का
ये दुश्मन है
कुशल खिलाड़ी है
छोटा है पर
छिपी पेट में
इसके दाढ़ी है
छिपकर
वार कर रहा है,
लेकिन सँभलेंगे हम ।
घुट्टी पीकर
चला चीन से
दुनिया में छाया
पूरा विश्व
अभी तक इसको
पकड़ नहीं पाया
बड़े जतन से
जाल बिछा
इसको जकड़ेंगे हम ।
मचा हुआ कुहराम
हर जगह
बाहर औ भीतर
कोस रही है
दुनिया इसको
पानी पी-पीकर
डरना नहीं
व्योम इससे
जल्दी उभरेंगे हम ।
जंग वायरस ने छेड़ी है ....