Last modified on 4 सितम्बर 2020, at 19:06

ज़िंदा हैं ऑंखें अभी / जय चक्रवर्ती

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:06, 4 सितम्बर 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ज़िंदा हैं ऑंखें अभी
Zinda-hain-aankhen-abhi-jay-chakravarti-kavitakosh.jpg
रचनाकार जय चक्रवर्ती
प्रकाशक श्वेतवर्णा प्रकाशन, दिल्ली
वर्ष 2020
भाषा हिन्दी
विषय
विधा दोहा
पृष्ठ 104
ISBN 978-93-90135-43-1
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ