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बिल्ली भागी / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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कुत्ता भौंका बड़ी ज़ोर से,
बिल्ली भागी जान छोड़के।
चुहिया ने तब मौज उड़ाई,
मजे-मजे से रोटी खाई।
जब बिल्ली फिर वापस आई,
उसे न चुहिया पड़ी दिखाई।
अब तो थी वह बिल के भीतर।
मस्त सो रही थी खा-पीकर।