हमको ये जहां-दादा बुज़ुर्गों ने कहा
पैसों का नहीं गुरुर अच्छा होता
हमने मासूमियत से पूछा फिर क्यों
हर कोई पुकारता है पैसा पैसा
हमको ये जहां-दादा बुज़ुर्गों ने कहा
पैसों का नहीं गुरुर अच्छा होता
हमने मासूमियत से पूछा फिर क्यों
हर कोई पुकारता है पैसा पैसा