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दूल्हा क़िस्मत वाला / शकुंतला कालरा

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सिर पर बाँधे सुंदर सेहरा,
मीकू जी ससुराल चले।
कैसे चलते अकड़-अकड़ कर,
दीख रहे हैं भले-भले।

डिस्को करते बंदर सारे,
ढ़ोल बजाते वे जाएँ।
आए मंडप खों-खों करते,
बाराती नाचें-गाएँ।

पहने जेवर, सुंदर साड़ी,
आई दुल्हन शरमाती।
लंबी दुल्हन, ठिगना दूल्हा,
देखे सखियाँ मुस्काती।

घूँघट से झाँके दुलहनिया,
बंदर मन में मुस्काए।
दूल्हा क़िस्मत वाला वह तो,
जो दुल्हन के मन भाए।