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परसों / सपन सारन
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आज, मैं सपना देखूँगी
हक़ीक़त से मिलता जुलता ।
कल, मैं हक़ीक़त को
सपने में बदल दूँगी ।
परसों, मैं थक जाऊँगी
हक़ीक़त से
सपने से
दोनों के एक जैसे होने से ।
परसों मिलूँगी मैं
मुझ से
थकी थकी।