Last modified on 13 सितम्बर 2020, at 15:33

एक मित्रता / सपन सारन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:33, 13 सितम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सपन सारन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

किताब खुली
कवि को देखा
कवि ने
आँखें मिलीं
हैरानी हुई
फिर पहचान

विचार — एक की आँख से छलके
दूसरी में चमके।

सदियों को जोड़ती
एक मित्रता हो गई
प्राचीन की
नवीन से ।