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निरीह / श्रीधर नांदेडकर / सुनीता डागा

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एक ऐसा निरीह इनसान
जो बीच चौराहे पर किसी से झगड़ा करने
किसी का गला घोंटने और गाली-गलौज करने के
ख़याल से ही घबरा जाए
मुझमें छुपा हुआ है

एक बेहद साधारण इनसान
जो दो कमरों के घर के भीतर
हिंसक बन जाता है
झुँझलाता रहता है क्रोध से भरा
मुझमें छुपा हुआ है

ऐसा इनसान
जो सब कुछ ख़ुद में छुपाना चाहता है
और कुछ भी छुपा नहीं पाता है
मुझमें छुपा हुआ है

मूल मराठी से अनुवाद : सुनीता डागा