Last modified on 6 अक्टूबर 2020, at 00:25

मैंने चित्र बनाया / प्रकाश मनु

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:25, 6 अक्टूबर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=प्रक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तितली अभी उड़ी थी भाई,
मैंने उसका चित्र बनाया!
फूल खिला था सुंदर-सुंदर,
मैंने उसका चित्र बनाया।

दीदी हँसकर जब थी नाची,
मैंने उसका चित्र बनाया।
दादी ने रामायण बाँची,
मैंने था तब चित्र बनाया।

ढेरों चित्र बनाऊँगा जब
कलाकार मैं कहलाऊँगा,
सारी दुनिया मान करेगी
मैं भी ऊँचा उठ जाऊँगा।