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आधी रात में / लुईज़ा ग्लुक / विनोद दास

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दर्द से कराहते दिल
मुझसे तुम बातें करो
अपने लिए तुम कितना बौड़म हरकारा खोजते हो

अन्धेरे गैरेज में
कचरे के बोरों के साथ सुबकते हुए

यह तुम्हारा काम नहीं है
कि तुम कूड़ा-कचरा बाहर निकालो
तुम्हारा काम है कि डिसवाटर ख़ाली करो
ख़ाम्ख़ाह तुम फिर दिखावा कर रहे हो
बिलकुल वैसे ही जैसे तुम छुटपन में करते थे

खेल का ज़ज़्बा — तुम्हारी मशहूर लोहे-सी तटस्थता
चान्द की एक पतली रोशनी टूटी खिड़की पर पड़ रही है
गर्मियों की थोड़ी सी मुलायम चान्दनी
अपनी तैयार मिठास के साथ धरती से फुसफुसा रही है

क्या तुम अपने शौहर से
इसी तरह बात करती हो
जब वह बुलाता है
जवाब नहीं देती हो
या दिल ही इसी तरह व्यवहार करता है
जब दुखी होता है

वह कूडे़- कचरे के साथ अकेले रहना चाहता है

अगर मैं तुम होती
मैं आगे की सोचती

पन्द्रह साल बाद उसकी आवाज़ थक जाएगी
किसी रात तुम जवाब नहीं दोगी
तो कोई और देगा जवाब

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास