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व्याकुल तो हूँ / रामगोपाल 'रुद्र'

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व्याकुल तो हूँ, कैसे उनको पाऊँ,
पर, अगर अचानक दर्शन हो जाएँ,
वे चीन्ह सकेंगे क्या? मैं ही कैसे
सम्मुख कह पाऊँगा? स्वागत! आएँ!