Last modified on 20 नवम्बर 2020, at 23:26

मंगल आरति प्रिया प्रीतम की / जुगलप्रिया

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:26, 20 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जुगलप्रिया |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatP...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मंगल आरति प्रिया प्रीतम की मंगल प्रीति रीति दोउन की।
मंगल कांति हँसाने की दसनानन की मंगल मुरली वीना धुनि की॥
मंगल बनिक त्रिभंगी हरि की मंगल सेवा सब सहचरि की।
मंगल सिर चंद्रिका मुकुट की मंगल छबि नैननि में अटकी॥
मंगल छटा फबी अंग-अंग की मंगल गौर श्याम रस रंग की।
मंगल अति कटि पियरे पट की मंगल चितवनि नागर नट की॥
मंगल सोभा कमल नैन की मंगल माधुरी मृदुल बैन की।
मंगल बृंदाबन मग अटकी मंगल क्रीडन जमुना तट की॥
मंगल चरन अरुन तरुवन की मंगल करनि भक्ति हरिजन की।
मंगल जुगल प्रिया भावन की मंगल श्री राधाजीवन की॥