Last modified on 23 नवम्बर 2020, at 23:38

खुद भी खुद से बात कभी कर / अशेष श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:38, 23 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशेष श्रीवास्तव |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खुद भी ख़ुद से बात कभी कर
खुद के दोस्त भी बन कर देखें...

बुरी बात पर टोक के ख़ुद को
अच्छी बात सराह के देखें...

दुनियाँ से चाहे जीत ना पायें
खुद से ख़ुद को जीत के देखें...

छोड़ जाये चाहे सारी दुनियाँ
खुद का साथ न छोड़ के देखें...

दुनियाँ वाले जो भी कहें पर
खुद आत्मावलोकन कर देखें...

कोई भरोसा करे न फिर भी
खुद पर भरोसा कर के देखें...

अपनी खूबी ख़ुद ही ढूँढ के
उसको तराश कर के देखें...

अपनी कमियाँ ख़ुद ही खोज के
उन पर विजय प्राप्त कर देखें...

औरों के लिये बहुत गाते हैं
खुद के लिये भी गा कर देखें...

खुद के दुश्मन ख़ुद ही हैं हम
खुद को दोस्त बना कर देखें...