Last modified on 28 नवम्बर 2020, at 18:17

ध्यान धरे तुम्हरो निसि बासर / चंद्रकला

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:17, 28 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्रकला |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSavaiya...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ध्यान धरे तुम्हरो निसि बासर नाम तुम्हारो रटै बिसरै ना।
गावत है गुन प्रेम-पगा मन जोवत है छिन दाह टरे ना।
'चंद्रकला' वृषभानु-सुना अति छीन भई तन दरस परै ना।
वेगि चलो न बिलंब करौ अति ब्याकुल है वह बार बरे ना॥