Last modified on 29 नवम्बर 2020, at 19:20

अग्निशिखा / कैत्रिओना नी क्लेअरचिन / राजेश चन्द्र

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:20, 29 नवम्बर 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कैत्रिओना नी क्लेअरचिन |अनुवादक=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक अग्निशिखा
मेरे भीतर लहकती है
जब मैं तुम्हारे साथ होती हूँ

मैं सांंस नहीं ले पाती
होंठ प्रस्फुटित हो जाते हैं
कलियों की तरह
मैं संज्ञाशून्य हो जाती हूँ

आकुल
समाधिस्थ
बेसुध

मैं ज़ोर लगाती हूँ
कि बुझ जाए
यह तीव्र आवेग

यह अग्निशिखा
जई के खेत से गुज़रती

अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र