Last modified on 6 दिसम्बर 2020, at 00:08

चिड़िया से पूछो / सुधा गुप्ता

वीरबाला (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:08, 6 दिसम्बर 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


घोंसले की
सार्थकता
कितनी है
चिड़िया से पूछो 1

सिर्फ़ उतनी
कि जितनी देर
उसमें अण्डे रहें
अण्डों से बच्चे निकलें
बच्चे उड़ना सीखें
दाना-दुनका खाना सीखें
और
फिर एक दिन उड़ जाएँ
फुर्र … फुर्र … फुर्र …

चिड़िया
फिर कभी
मुँह मोड़कर घोंसले की ओर
नहीं देखती ।

तुम
ईंट-पत्थर के क़ैदख़ाने से
चिपके-जुड़े
ताज़िन्दगी क़ैद काटते हो !

(बूढ़ी सदी और डैने टूटा आदमी 14-12-1983)